Mirza Ghalib Shayari

💞 ख़्यालों की भीड़ में सरकता हुआ वक्त,
तेरे ख़्याल के सामने …..थम जाता है !! 💞
छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर.
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उसने मेरी हथेली पे अपनी नाज़ुक सी ऊँगली से लिखा मुझे प्यार है तुमसे…
न जाने कैसी स्याही थी की वो..
लफ्ज़ मिटे भी नहीं और आज तक दिखे भी नहीं…